कैरियर परामर्श : दसवीं के बाद सही स्ट्रीम चुनना

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What stream to choose after class 10th

कई छात्र 10 वीं के बोर्ड की परीक्षा ख़त्म होते ही, आगे कौनसी स्ट्रीम चुननी है इस असमंजस में पड़ जाते हैं । स्ट्रीम के बारे में पूछने पर अधिकाँश छात्र कहते हैं :

1. अभी मैं अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, परिणाम आने पर इसका निर्णय लूँगा।

2. बेशक विज्ञान, मेरे सभी मित्र विज्ञान ही चुनने वाले हैं।

3. मेरे माता-पिता चाहते हैं मैं इंजीनियर बनूँ। तो, मैं विज्ञान ही चुनूंगा।

4. मुझे समझ नहीं आ रहा की क्या चुनना चाहिए। मैं उस स्ट्रीम का चयन करूँगा जिसमें नौकरी मिलना आसान हो।

आम तौर पर, छात्र इस तथ्य से अनजान है कि 10 वीं, कैरियर के निर्माण का प्रारंभिक और महत्वपूर्ण चरण है। वह व्याकुल और अस्पष्ट मन के साथ निर्णय लेते हैं और गलत स्ट्रीम का चयन कर लेते हैं, जिससे एक लम्बे कैरियर में आने वाली परेशानियों की संभावना बढ़ जाती है।

सही स्ट्रीम चुनना एक छात्र के भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है। यह अक्सर देखा गया है कि छात्र कुछ समय बाद अपने विषय से नफरत करना शुरू कर देते हैं या अपने विषय को बीच में ही छोड़ देते हैं, साथ ही गलत निर्णय के बारे में निराश महसूस करना शुरू कर देते हैं।

यह निर्णय जो माता-पिता या सहपाठियों के दबाव से या ज्ञान की कमी के कारण लिया जाता है, उनके जीवनभर का बोझ बन जाता है। इसलिए एक सफल भविष्य के लिए, किसी भी छात्र के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है की यह निर्णय बहुत सोच समझ के लिया जाए।

कैसे चुनें 10 वीं के बाद सही धारा :

छात्रों की भूमिकाएं

1. आत्म जागरूकता: सही स्ट्रीम चुनने का पहला चरण है स्वयं-जागरूकता। इसमें अपनी रुचि, योग्यता और कौशल को समझना अनिवार्य है। यह विश्लेषण स्वयं करना आवश्यक है। समझने के लिए एक उदाहरण नीचे दिया गया है

क. क्या मुझे वास्तव में गणित पसंद है? (रूचि की पहचान करने के लिए)
ख. क्या मैं गणित में अच्छा हूँ? (कौशल समझने के लिए)
ग. यदि मैं सभी कोचिंग और मार्गदर्शन प्राप्त करता हूं तो क्या मैं गणित में अच्छा कर सकता हूँ? (योग्यता को समझने के लिए यानि आवश्यक कौशल तक पहुंचने की क्षमता)

स्ट्रीम का चयन करते समय अपनी कमज़ोरियों और सामर्थ्य का विश्लेषण करना ज़रूरी है। रुचि, कौशल और योग्यता के संयोग से ही एक सफल कैरियर की स्थापना हो सकती है।

2. अपने वरिष्ठ / अभिभावक / शिक्षक के साथ चर्चा: ज्ञान की कमी के कारण कभी-कभी विद्यार्थी गलत निर्णय लेते हैं। इसलिए, विशेषज्ञों और अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन मदद करता है। कई अवसरों पर, छात्र अपनी रूचि को अनदेखा कर, माता-पिता के फैसले का पालन करते हैं। इसलिए, माता-पिता के साथ एक स्वस्थ चर्चा में अपना पक्ष रखना ज़रूरी होता है।

3. कैरियर काउंसलर की सहायता लें: अधिक स्पष्टीकरण के लिए, छात्र कैरियर काउंसलर से परामर्श भी ले सकते हैं, जो वैज्ञानिक रूप से डिजाइन और तैयार किए गए परीक्षणों का आयोजन करेगा और छात्र को 10 वीं कक्षा के बाद सही धारा जानने में मदद करेगा। कैरियर मार्गदर्शन, सेमिनार, शैक्षणिक मेलों में भाग लेना, कैरियर विकल्प पता लगाने और अगले चरण की योजना बनाने का एक अच्छा अवसर होगा।

4. निर्णय लेना: यह सही स्ट्रीम चुनने का अंतिम चरण है। सही स्ट्रीम चुनना एक सफल कैरियर के लिए ज़रूरी है, इसलिए लोगों और विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें, लेकिन अपना निर्णय स्वयं लें। कोई स्ट्रीम अच्छी और खराब नहीं है और हर क्षेत्र में कई अवसर हैं। बस अपनी ओर से सभी प्रयास करना अनिवार्य है।

माता-पिता की भूमिका

छात्र के कैरियर के निर्माण में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। माता-पिता को अपने बच्चों के लिए सही कैरियर विकल्प की खोज में मदद करनी चाहिए। हालांकि, धाराओं को चुनते समय उन्हें बच्चों पर अपना निर्णय थोपना नहीं चाहिए और अपने बच्चों को अपना पथ स्वयं चुनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। मूल्यवान सलाह और सकारात्मक सहायता देना, बच्चों की वृद्धि के लिए ज़रूरी है।

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